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बसना का कायाकल्प: विधायक डॉ. सम्पत अग्रवाल के दो वर्षों में विकास की नई पहचान

बसना। छत्तीसगढ़ के बसना विधानसभा क्षेत्र ने बीते दो वर्षों में विकास की तेज रफ्तार के साथ एक नई पहचान बनाई है। विधायक डॉ. सम्पत अग्रवाल के नेतृत्व में क्षेत्र में अधोसंरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सेवा के क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं, जिससे बसना को ‘विकास मॉडल’ के रूप में देखा जा रहा है।

नगर विकास के अंतर्गत 29 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 3.15 किलोमीटर लंबा ‘गौरव पथ’ आज बसना की लाइफलाइन बन चुका है। आधुनिक ड्रेनेज सिस्टम, आकर्षक डिवाइडर और हाईमास्ट लाइटों से सुसज्जित इस मार्ग ने नगर को आधुनिक स्वरूप प्रदान किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी कनेक्टिविटी को मजबूत करते हुए सल्डीह–बहादुरपुर मार्ग के लिए 14.30 करोड़ रुपये तथा भीखापाली–रामपुर–भटगांव मार्ग के लिए 11.09 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में दशकों से उपेक्षित जूना तालाब को 2.82 करोड़ रुपये की लागत से एसटीपी युक्त अमृत सरोवर के रूप में विकसित किया जा रहा है। वहीं धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण हेतु तरेकेला स्थित कबीर कुटी, समलेश्वरी मंदिर एवं जगन्नाथ मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है।

शिक्षा के क्षेत्र में पिरदा में 4.64 करोड़ रुपये की लागत से शासकीय महाविद्यालय तथा लाखागढ़ में 3 करोड़ रुपये से कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का निर्माण किया गया है। खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने हेतु 500 से अधिक क्रिकेट टीमों को खेल किट वितरित की गई हैं।

न्यायिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए बसना और पिथौरा में लगभग 12 करोड़ रुपये की लागत से नवीन न्यायालय भवनों की स्वीकृति मिली है। सामाजिक सेवा के क्षेत्र में नीलांचल सेवा समिति के माध्यम से कोविड काल में हजारों जरूरतमंदों को निःशुल्क उपचार एवं एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराई गई।

विधायक डॉ. सम्पत अग्रवाल ने कहा कि उनका उद्देश्य बसना को छत्तीसगढ़ का आदर्श विधानसभा क्षेत्र बनाना है, जहाँ विकास की रोशनी अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे।

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